पब्लिक सेल्फ केयर टीम (PSCT) की नियमावलियां
सेवा परमो धर्म:
पब्लिक सेल्फ केयर टीम (PSCT) का संचालन, पब्लिक सेल्फ केयर समिति, पंजीकरण संख्या ALL/03936/2024-2025 करती है।
सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश से कोई भी व्यक्ति जुड़ सकता है, जिसकी उम्र रजिस्ट्रेशन की तिथि को 20 से 50 वर्ष के बीच में हो।
सदस्यों हेतु मुख्य नियम - [1] आकस्मिक मृत्यु होने पर
- व्यक्ति उत्तर प्रदेश का निवासी हो।
- रजिस्ट्रेशन की तिथि को व्यक्ति की आयु 20 से 50 वर्ष के बीच में होना चाहिए। आयु का निर्धारण तीनों योजनाओं पर लागू है।
(भविष्य में परिस्थितियों के अनुसार आयु को कम ज्यादा किया जा सकता है ) - PSCT से जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना अनिवार्य है। साथ ही साथ हमारी वेबसाइट और अधिकारिक टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ना अनिवार्य है। जिस पर समय – समय पर सहयोग या नियम या अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां दी जाती रहेंगी। आप को समस्त सूचनाओं से अपडेट रहने के लिए सप्ताह में कम से कम दो बार हमारी वेबसाइट, टेलीग्राम ग्रुप, फेसबुक या व्हाट्सऐप ग्रुप की सूचनाएं देखने पड़ेंगी। आप को ग्रुप में अपडेट रहने की बाध्यता रखी गयी है।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है ) - कोई भी सदस्य वेबसाइट, टेलीग्राम ग्रुप, व्हाट्सएप ग्रुपों को नियमतः नहीं देखता है और समिति / टीम से सम्बंधित सूचनाएं आदि नहीं प्राप्त कर पाता है तो सम्बंधित सदस्य स्वयं जिम्मेदार होगा। फिर भी कोशिश की जायेगी कि कार्यकारिणी सदस्यों के माध्यम से आप तक सूचनाएं पहुंचाई जाएं।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है) - पब्लिक सेल्फ केयर टीम का पहले दिन से ही यह नियम है कि जो सहयोग करेगा उसी को सहयोग मिलेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है ) - पब्लिक सेल्फ केयर टीम द्वारा हेल्पलाइन नम्बर 9044540057 सदस्यों की सुविधा के लिए जारी किया गया है। जिस पर कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से जानकारी दी जायेगी। कोई भी सदस्य इस नम्बर पर संपर्क करके जानकारी प्राप्त कर सकता है।
(यह नियम व्यवस्था शुल्क के समय से प्रभावी है ) - आप लोगों को बहुत आवश्यक सूचनाओं की जानकारी प्रदान करने के लिए, बल्क टेक्स्ट मैसेज की सुविधा के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) से अनुमति लेने का प्रयास किया जा रहा है।
(यह नियम व्यवस्था शुल्क के समय से प्रभावी है, ट्राई से अनुमति मिलते ही आ जायेगा ) - सभी सदस्यों के लिए (आकस्मिक मृत्यु) का लॉकिंग पीरियड 90 दिन रखा गया है। लॉकिंग पीरियड की गणना रजिस्ट्रेशन की तिथि से की जायेगी।
(लॉकिंग पीरियड का समय घटाया या बढ़ाया जा सकता है ) - प्रत्येक सदस्य को अपनी आयु के 60 वर्ष तक प्रत्येक सहयोग को करना अनिवार्य है। आयु की गणना सदस्य के जन्म तिथि से की जायेगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है। परिस्थितियों के अनुसार भविष्य में आयु को कम / ज्यादा किया जा सकता है) - यदि 60 वर्ष की आयु से पहले किसी वैधानिक सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी के खाते में आकस्मिक मृत्यु सहयोग योजना में सहयोग कराया जायेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है। भविष्य में आयु को समय व परिस्थितियों को देखते हुए कम / ज्यादा किया जा सकता है) - सभी लोग रजिस्ट्रेशन कराते समय अपनी जन्म तिथि वैधानिक कागजात जैसे – शैक्षिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट व् अन्य में अंकित जन्म तिथि के अनुसार ही सही – सही भरें। गलत जन्म तिथि भरने से पर आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। आवश्यकता पड़ने पर ही आप से या आप के परिवार से व्यक्तिगत रूप से कोर टीम मिलकर साक्ष्य मांग सकती है।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है) - रजिस्ट्रेशन कराने के 90 दिनों के बाद यदि किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो सभी सदस्यों को मिलकर उस व्यक्ति के नॉमिनी के खाते में 200 या 100 या 80 या 50 या 20 रुपया आदि जो कि कोर टीम निर्णय लेकर बताएगी कि कितने रूपये का सहयोग करना है, उतने रूपये का सहयोग प्रत्येक सदस्य को करना होगा। प्रत्येक सहयोग को करना अनिवार्य होगा। सहयोग करने के बाद सहयोग रसीद या स्क्रीनशॉट, पेमेंट का ट्रांजैक्शन नम्बर, धनराशि, दिनांक सहित सभी डिटेल्स को भरकर रसीद अपलोड करना अनिवार्य है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - यदि कोई भी सदस्य रजिस्ट्रेशन करा कर छोड़ देता है और सहयोग नहीं करता है तो वह सहयोग पाने का पात्र नहीं होगा। सहयोग करने पर ही सहयोग मिलेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - लॉकिंग पीरियड के बाद जितने भी वैधानिक सदस्यों की मृत्यु होगी सभी में सभी सदसस्यों को सहयोग करना अनिवार्य है। यदि कोई भी सदस्य एक भी सहयोग को छोड़ता है तो जिस सहयोग को छोड़ेगा, सहयोग करने की अंतिम तिथि से तीन महीने के लिए अवैधानिक हो जायेगा। फिर से उसे वैधानिक सदस्यता पाने के लिए पांच सहयोग अलर्टों में लगातार सहयोग करने होंगे। उसके बाद सदस्य पुनः वैधानिक सदस्य हो जायेगा। एक सदस्य को 60 वर्ष की आयु भर में केवल इस तरह का पांच मौका ही दिया जायेगा।
- किसी भी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर टीम से जुड़े हुए सभी सदस्यों से सहयोग करवाती है। सहयोग की राशि सदस्यों की संख्या व सदस्यों द्वारा दिए गए सहयोग पर निर्भर है। प्रत्येक बार सहयोग प्राप्त करने की धनराशि कम या ज्यादा हो सकती है। इसमें किसी भी प्रकार की दावा या वाद पस्तुत नहीं किया जा सकता है।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है। ) - गंभीर बीमारी की स्थिति में:- गंभीर बीमारी की स्थिति में लॉकिंग पीरियड 2 वर्ष रखा गया है। यदि व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो उसका जिक्र रजिस्ट्रेशन कराते समय बीमारी वाले कॉलम में अवश्य करें।
16. (a) गंभीर बीमारी के मामले में कोर टीम अपेक्षा करती है कि सभी सदस्य अपनी बीमारी अपनी प्रोफाइल में रजिस्ट्रेशन करते समय अवश्य दर्शायें। अगर किसी कारण से अपडेट नहीं है तो इसका निर्धारण मृत्यु के कारण के आधार पर किया जायेगा। यदि मृत्यु का कारण बीमारी है तो उसे बीमारी में शामिल किया जायेगा। भले ही सदस्य ने अपनी प्रोफाइल में प्रदर्शित न किया हो। साथ ही साथ जुड़ते समय बीमारी की जानकारी थी या नहीं या टीम का विषय नहीं होगा। ऐसे मामलों में मृत्यु के कारण के आधार पर निर्णय लिया जायेगा।
जैसे:- अगर किसी व्यक्ति को ब्लड कैंसर है और वह PSCT से जुड़ता है तो उसके लिए लॉकिंग पीरियड 2 वर्ष का होगा। माना कि जुड़ने के 3 माह बाद उसकी मृत्यु होती है तो वह अवैधानिक सदस्य होगा। यदि उसकी मृत्यु, मार्ग दुर्घटना में हुई तो उसे वैधानिक माना जायेगा क्योंकि उसकी मृत्यु बीमारी से न होकर मार्ग दुर्घटना से हुई है।
16. (b) गंभीर रूप से पीड़ित सदस्य की मृत्यु होने पर अगर मृत्यु का कारण कुछ और दिखाया जाता है तो उसे पुख्ता प्रमाण देने होंगे। अगर टीम उस प्रमाण से संतुष्ट होगी तो माना जायेगा अन्यथा बीमारी ही माना जायेगा।
जैसे:- यदि किसी की किडनी खराब है और इसका इलाज चल रहा है। ऐसी स्थिति में अगर कोई इलाज के दौरान हार्टअटैक का दावा करता है उसे गंभीर बीमारी का ही मामला माना जायेगा। यहाँ पर मृत्यु के अलग अलग कारण से मतलब है बीमारी के इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना आदि से है जैसे:- सड़क दुर्घटना, नदी में डूबना, छत से गिर जाना आदि।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - समिति को यह अधिकार होगा कि वह समय समय पर सदस्यों तथा परिस्थितियों का ध्यान रखते हुए लॉकिंग पीरियड तथा आयु की गणना में परिवर्तन कर सकती है
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है। ) - पब्लिक सेल्फ केयर टीम सहयोग के आह्वान हेतु अपने स्वविवेक का इस्तेमाल करके निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगी। वैधानिक्ता या किसी अन्य चीजों के मामलों में जहां उचित समझेगी अपने स्तर से परीक्षण करने को स्वतंत्र होगी। कोई भी सदस्य या नॉमिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा या अधिकार नहीं कर सकेगा। टीम नैतिक रूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - एक से अधिक नॉमिनी होने की दशा में दूसरे नॉमिनी को सहयोग सुनिश्चित कराने के लिए कोर टीम स्वविवेक एवं स्व हस्ताक्षेप करने को स्वतंत्र होगी। जिस पर लाभार्थी द्वारा किसी भी प्रकार का कानूनी दावा करने का अधिकार नहीं होगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - किसी भी सदस्य के द्वारा कम से कम 10 सहयोग अलर्टों पर लगातार सहयोग किया जाता है तथा बीच में यदि किसी कारण एक (1) सहयोग छूट जाता है तो उसकी सदस्यता न ही लंबित होगी और न ही उसे सहयोग पाने से इंकार किया जायेगा। बशर्ते सहयोग न कर पाने का सही व संतोषजनक कारण हो। 10 बार, 20 बार, 50 बार, सहयोग करने पर 90% से 80% तक विचार किया जा सकेगा। 10 से कम सहयोग पर पहले का नियम माना जायेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है)जैसे:- यदि किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है जो कि समिति से लम्बे समय से जुड़ा था किन्तु कुछ सहयोग न कर पाने के काऱण अवैधानिक हो रहा है तो उस समय देखा जायेगा कि मृत्यु की तिथि से 2 वर्ष पूर्व के बीच हुए कुल सहयोग का अगर 90% तक सहयोग किया है तो उसे 90% सहयोग के दायरे में वैधानिक मानते हए सहयोग कराया जायगा।
- किसी व्यक्ति के सदस्य बनने के बाद तथा 10 सहयोग पूरे करने के बाद अपरिहार्य स्थिति में 01 सहयोग न कर पाने की स्थिति में 01 छूट दी जायेगी। यह छूट सदस्य के 60 वर्ष की आयु तक पांच बार देय होगी।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - यदि कोई सदस्य पूर्व में सहयोग कर रहा था और टीम का वैधानिक सदस्य था परन्तु चल रहे सहयोग के दौरान, गतिमान सहयोग तिथि से पूर्व उसकी मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र रहेगा। किन्तु गतिमान सहयोग के बाद मृत्यु होती है तो गतिमान सहयोग की छूट का लाभ नहीं दिया जायेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - सुसाइड या किसी अन्य विवादित कारण से मृत्यु होने पर सहयोग नहीं कराया जायेगा। अन्य केस जो संज्ञान लेने लायक होगा, में कोर टीम स्थलीय निरिक्षण करायेगी। जरुरत पड़ने पर सम्बंधित जिला के कार्यकारिणी से वोटिंग करायेगी। सर्व सम्मति से जो निर्णय लिया जायेगा उसे स्वीकार करना होगा। किसी भी प्रकार का कानूनी दावा नहीं किया जा सकता है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - एक से ज्यादा वैधानिक सदस्यों की मृत्यु होने पर उसकी मृत्यु की तिथि के क्रम में सहयोग कराया जायेगा। मृत्यु तिथि एक होने पर उनके द्वारा किये गये सहयोगों के क्रम में सहयोग कराया जायेगा। उपरोक्त प्रकरणों में किसी विशेष परिस्थिति जैसे स्थलीय निरिक्षण न हो पाना, कुछ तकनीकी कमी आदि मामलों में कोर टीम सहयोग के क्रम का निर्णय अपने विवेकानुसार ले सकेगी।
- किसी भी सदस्य द्वारा अनुशासन हीनता, PSCT विरोधी गतिविधियां या किसी भी प्रकार की साजिश करने वालों के विरुद्ध कोर टीम के पास निर्णय लेने का अधिकार होगा। कोई भी सदस्य पब्लिक सेल्फ केयर टीम के खिलाफ बिना सबूत या आंकड़े प्रस्तुत किये बिना, दुष्प्रचार या अफवाह फैलाता है तो टीम उसके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने हेतु स्वतंत्र होगी।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - समय तथा आने वाली परिस्थितियों को देखते हुए जनहित में PSCT नियमों में परिवर्तन / संशोधन करने का अधिकार अपने पास सुरक्षित रखती है। यह अधिकार समिति के कोर टीम के पास होगा।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है। ) - PSCT सहयोग सीधे दिवंगत परिवारों नॉमिनी के खातों में करवाती है। इसलिए किसी भी प्रकार की न्यायिक चुनौती देने का अधिकार किसी व्यक्ति या सदस्य के पास नहीं होगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - सहयोग करने के बाद जारी वेबसाइट पर रसीद को अपलोड करना अनिवार्य है। फर्जी या कूटचरित रसीदें अपलोड करने पर आप की सदस्यता समाप्त कार दी जायेगी। दिए गए समय के अंदर ही सहयोग फॉर्म में ट्रांज़ैक्शन नम्बर, धनराशि, दिनांक भरकर रसीद को अवश्य अपलोड करें। सहयोग करके सहयोग विवरण न भर पाने की स्थिति में आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। इससे आप की वैधानिकता प्रमाणित होती है।
- पब्लिक सेल्फ केयर टीम किसी भी व्यक्ति को जबरन या दबाव देकर सदस्य नहीं बनाती है। लोग स्वेच्छा से नियमावली से पूर्ण रूप से सहमत होने के बाद ही सदस्य बनते हैं।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - सहयोग के दौरान यदि गलती से ज्यादा धनराशि ट्रांसफर हो जाती है। तो जिस नॉमिनी के खाते में धनराशि ट्रांसफर हुई है तो वह धनराशि नॉमिनी को सदस्य के खाते में वापस करना पड़ेगा। इस हेतु कोर टीम गारण्टी नहीं लेगी। धनराशि वापस कराने हेतु पूर्ण प्रयास करेगी।
- आने वाले समय में यदि सदस्यों की संख्या अत्यधिक जो जाती है तो कोर टीम को यह अधिकार होगा कि वह जिला वार या पूलवार लोगों को सहयोग करने के लिए विभाजित कर सकती है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार कोर टीम के पास सुरक्षित होगा। कोर टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा। सदस्यता या उसके परिवार को किसी भी प्रकार का कानूनी दावा प्रस्तुत करने की अधिकार नहीं होगा। नियम व अनुशासन सर्वोपरि है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है)
मुख्य नियम - [2] कन्यादान सहयोग योजना हेतु
- इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पब्लिक सेल्फ केयर टीम में रजिस्ट्रेशन कराते समय ही कन्यादान सहयोग योजना का विकल्प चुनना होगा तथा आकस्मिक मृत्यु पर सहयोग योजना में एवं कन्यादान सहयोग योजना के प्रत्येक सहयोग अलर्ट पर सहयोग करना अनिवार्य रहेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - कन्यादान सहयोग योजना की विकल्प चुनने के लिए बेटी की उम्र 10 से 21 वर्ष के बीच होना अनिवार्य है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है, भविष्य में परिवर्तनशील है) - कन्यादान सहायता योजना में लॉकिंग पीरियड 3 वर्ष है। लॉकिंग पीरियड की गणना रजिस्ट्रेशन की तिथि से की जायेगी।
(लॉकिंग पीरियड परिवर्तनशील है) - कन्यादान सहयोग योजना में सहयोग एक रजिस्ट्रेशन पर सिर्फ एक पुत्री (बेटी) के विवाह हेतु कराया जायेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - कन्यादान सहयोग योजना पूर्ण रूप से सहयोग पर निर्भर है। इसमें प्रत्येक सदस्य या उसकी नॉमिनी को 20 वर्ष सहयोग करना अनिवार्य है।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है) - कन्यादान सहयोग योजना में प्रत्येक सदस्य से प्रति वर्ष लगभग दो से पांच हजार रूपये सहयोग कराया जा सकता है। सहयोग प्रति शादी में कितना रूपये करना है इसका निर्णय लेने का अधिकार कोर टीम अपने पास रखती है। सदस्यों की संख्या व अन्य चीजें देखकर निर्धारित करेगी।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - कन्यादान सहयोग योजना का विकल्प चुनने के बाद बेटी का नाम, जन्म तिथि, माता का नाम, बेटी के वैधानिक प्रमाण पत्र (जैसे:- आधार / मार्कशीट व अन्य) के अनुसार ही सही सही भरें।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - पब्लिक सेल्फ केयर टीम अपने सदस्यों के अविवाहित बालिकाओं के विवाह के लिए सदस्यों द्वारा पारस्परिक सहयोग करवाती है। जिसका संचालन पब्लिक सेल्फ केयर कोर टीम के द्वारा किया जाता है। प्रत्येक परिवार के लिए किसी भी जाति धर्म में, उसके रीति रिवाज के अनुसार विवाह करने के लिए अनुबंध नहीं है।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है) - यदि कोई भी सदस्य PSCT का वैधानिक सदस्य है और लगातार सहयोग करता रहा है। उसके बीच में दुर्भाग्यपूर्ण उस सदस्य की लड़की अपनी इच्छा से विवाह (लव मैरिज) कर लेती है। इस स्थिति में सदस्य को लाभ प्राप्त करने के लिए वैधानिक मैरिज सर्टिफिकेट प्रमाण पत्र PSCT को उपलब्ध कराने पर उस सदस्य को लाभ पहुंचाया जायेगा। व्यकित लाभ से वंचित नहीं होगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - समिति को यह अधिकार होगा कि प्रति विवाह पर 10 लाख रुपए का अधिकतम सहयोग ही सदास्यों से करा सकती है। चूंकि धनराशि पारस्परिक सहयोग पर निर्भर है। सदस्यों की संख्या कम होने पर या सहयोग न करने पर धनराशि कम भी हो सकती है। इसमें किसी प्रकार का दावा या वाद प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - किसी भी संदिग्ध बात या विवाद की स्थिति में कोर टीम स्थलीय निरीक्षण करके निर्णय लेने को स्वतंत्र होगी। जिस पर किसी भी प्रकार का दावा या वाद प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - ऐसे माता / पिता जिन्होंने यह योजना अपनी बेटी के लिए लिया है यदि उस बेटी की मृत्यु हो जाती है तो यह सहयोग यदि सदस्य की दूसरी बेटी है तो उसके विवाह में कराया जा सकता है। सगी पुत्रियां न होने पर सहयोग नहीं कराया जायेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - यदि सदस्य की मृत्यु हो जाती है तथा सदस्य आकस्मिक मृत्यु पर सहयोग योजना में वैधानिक है तो उसे पहले आकस्मिक मृत्यु सहयोग योजना में सहयोग कराया जायेगा। यदि मृतक सदस्य की नॉमिनी कन्यादान में भी सहयोग चाहता है तो उसे नियमावली के अनुसार 20 वर्ष तक सहयोग करना अनिवार्य है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - इस योजना में सहयोग सदस्य या उसकी नॉमिनी के खाते में कराया जायेगा। यदि पेमेंट (ऑनलाइन) करने में भविष्य में कोई असुविधा आती है तो कोर टीम को यह अधिकार होगा कि समिति के खाते में भी लोगों से सहयोग लेकर लाभार्थी को सम्पूर्ण सहयोग में प्राप्त धनराशि को चेक के माध्यम से सौंप देगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है) - समस्त सहयोग ऑनलाइन कराया जायेगा। सभी को सहयोग 20 वर्ष तक करना अनिवार्य है। सहयोग करने के बाद अपनी प्रोफाइल में ट्रांजेक्शन नम्बर, धनराशि एवं दिनांक को भरकर रसीद या पेमेंट स्क्रीनशॉट की फोटो अपलोड करना अनिवार्य है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - विवाह के लिए ज्यादा लोगों की डिमांड आने पर एक साथ कई लोगों का नाम व खाता नम्बर जारी किया जा सकता है तथा सभी की शादियों में सहयोग करना अनिवार्य है। सहयोग करने के लिए राशि की घोषणा को टीम सहयोग कराने के समय पर करेगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है) - कन्यादान सहयोग राशि जो सदस्य या नॉमिनी को प्राप्त होगी वह अग्रलिखित शर्तों के आधीन होगी।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है)17 (a) प्रत्येक विवाह में सहयोग से प्राप्त धनराशि का 20% धनराशि, सदस्य या उसकी नॉमिनी के द्वारा सहयोग प्राप्त करने के बाद समिति के खाते में सबसे पहले गारंटी के तौर पर जमा करेगा। 20 वर्ष तक प्रत्येक सहयोग पूरा करने के बाद यह 20% धनराशि (मूलधन) सदस्य या उसके वारिस को समिति / कोर टीम वापस कर देगी।
17 (b) सदस्य या उसकी नॉमिनी को अपने रिश्तेदार या मित्र या साथी, दो लोगों को गवाह के तौर पर लायेगी। गवाहों से गॅरंटी इस बात की ली जायेगी कि सदस्य या नॉमिनी जो 80% धनराशि, विवाह में प्राप्त कर रहा है उसके एवज में 20 वर्ष तक प्रत्येक शादी में सहयोग करता रहेगा। यदि सदस्य या नॉमिनी नहीं जमा करता है तो यह 80% धनराशि या 20 वर्ष तक प्रत्येक शादी में सहयोग गवाहों द्वारा किया जाएगा।
17 (c) सदस्य या नॉमिनी के द्वारा नियम 17 जो पूरी शर्तें 100 रूपये के नोटरी शपथ पत्र पर ली जायेगी तथा सदस्य या नॉमिनी को तीन खाली चेक जिस खाते में सहयोग प्राप्त किया है उसी खाते का जमा करना होगा। यह तीनों चेक 20 वर्ष सहयोग पूर्ण होने के बाद वापस कर दिए जाएंगे।
17 (d) परिस्थितियों को देखते हुए अन्य शर्तें रखी जा सकती हैं। जो जनहित में होंगी। - 20 वर्ष में एक सदस्य को एक भी सहयोग को छोड़ना नहीं है। यदि किसी विपरीत परिस्थिति के कारण सहयोग छूट जाता है तो वह 10 दिनों के भीतर सहयोग करेगा। पूरे 20 वर्ष में इस तरह से तीन मौका ही दिया जायेगा। तीन से अधिक बार करने पर सदस्यता समाप्त करने का अधिकार कोर टीम के पास सुरक्षित है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है) - यदि लाभार्थियों की संख्या ज्यादा हो जाती है तो उनको सहयोग कराये जाने का क्रम निम्नलिखित होगा:-
(a) रजिस्ट्रेशन तिथि में सीनियर को वरीयता (प्रथम)
(b) रजिस्ट्रेशन तिथि समान होने पर बेटियों के जन्म तिथि से गणना की जायेगी। उम्र में बड़ी बेटी को पहले सहयोग कराया जायेगा। (दूसरा)
(c) बेटियों की जन्म तिथि समान होने पर उनके नामों के प्रथम अक्षर को अंग्रेजी वर्णमाला के अवरोही क्रम में रखने पर लिया जायेगा। (तीसरा)
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है।) - जब भी किसी सदस्य को लॉकिंग पीरियड के बाद अपनी बेटी का विवाह करना होगा तो, वह शादी की तारीख से 3 से 6 महीने पहले अध्यक्ष महोदय को साक्ष्य के साथ एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत करायेगा। यह सदस्य की स्वयं की जिम्मेदारी होगी।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है।) - कन्यादान सहयोग योजना में किसी भी सदस्य के बेटी की शादी की डेट (तारीख) से 2 माह पहले सभी सदस्यों से सहयोग कराया जा सकता है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है।) - कन्यादान सहयोग योजना में आने वाले दिनों में यदि सदस्यों की संख्या अत्यधिक हो जाती है तथा कई डिमांड सहयोग लेने हेतु एक साथ आती है, तो इस स्थिति में कोर टीम को यह अधिकार होगा कि वह सदस्यों को तहसील स्तर / ब्लॉक स्तर / जिला स्तर पूल सिस्टम में विभाजित करके सहयोग करवा सकती है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है।) - जिन सदस्यों के पुत्री की उम्र 10 वर्ष से कम है तथा वह लोग भी कन्यादान सहयोग योजना में शामिल होना चाहते हैं तो ऐसे सदस्य, जब उनकी बेटी की उम्र 10 वर्ष पूर्ण हो जाये तो वह लोग प्रार्थना पत्र देकर इस योजना में शामिल हो सकते हैं। सदस्य को अपनी रजिस्ट्रेशन फॉर्म री – सेट कराकर अपनी बेटी की सारी डिटेल्स को भरना होगा। उसके बाद सदस्य को 20 वर्ष तक कन्यादान में नियमावली के अनुसार सहयोग करना होगा।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है।) - विवाह में सहयोग प्राप्त करने के लिए बेटी की उम्र 18 वर्ष होना अनिवार्य है
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है।) - कन्यादान सहयोग योजना में समिति या कोर टीम को यह पूर्ण अधिकार होगा कि समय व परिस्थितियों को देखते हुए जनहित में किसी भी प्रकार की नयी नियमावली बना सकती है या नियमावलियों में परिवर्तन कर सकती है। जिसमें किसी भी सदस्य या उसके परिवार के लोगों के द्वारा किसी भी प्रकार का दावा या कानूनी वाद प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है।
(यह नियम स्थापना के समय से लागू है।)
मुख्य नियम - [3] दुर्घटना सहायता योजना
- दुर्घटना सहायता योजना की सुविधा पब्लिक सेल्फ केयर टीम के वैधानिक सदस्य को ही मिलेगी।
- दुर्घटना सहायता योजना का लॉकिंग पीरियड 15 दिन है। लॉकिंग पीरियड की गणना रजिस्ट्रेशन की तिथि से की जायेगी।
विशेष सूचना: दिनांक 16 दिसंबर 2024 से दुर्घटना सहायता योजना का लॉकिंग पीरियड -15 दिन किया जाता है। पहले इसमें लॉकिंग पीरियड 6 माह का था।
(लॉकिंग पीरियड परिवर्तनशील है) - यह लाभ उन्हें दिया जायेगा जिनके इलाज का खर्च 1 लाख रूपये से अधिक का होगा।
- यह लाभ स्थलीय निरिक्षण के बाद देय होगा। कोशिश की जायेगा कि राशि सीधा अस्पताल में जमा करा दी जाय।
- यह सुविधा सिर्फ दुर्घटना में ही मिलेगी। बीमारी आदि के इलाज पर देय नहीं है।
- यह लाभ प्राप्त करके लिए प्रति वर्ष व्यवस्था शुल्क जमा करना अनिवार्य है। केवल व्यवस्था शुल्क जमा करने वालों को ही देय है।
- इस व्यवस्था के लिए कुल व्यवस्था शुल्क की 30% राशि ही उपयोग की जाएगी।
- इलाज और उसकी गंभीरता को देखते हुए प्रति लाख खर्च पर तीन हजार से बीस हजार तक देय होगी। आने वाले समय में सदस्यों की संख्या बढ़ने पर राशि को बढ़ाया भी जायेगा।
- इस लाभ को तत्काल प्राप्त करने की व्यवस्था नहीं है। कोर टीम जांच पड़ताल करने बाद भुगतान करायेगी।
- इस सुविधा में अधिक्तम 20 हजार रुपया देय होगा। भविष्य में सदस्यों की संख्या तथा व्यवस्था शुल्क जमा करने वालों की संख्या बढ़ने पर इसे बढ़ाया जा सकता है।
- दुर्घटना सहायता योजना पब्लिक सेल्फ केयर टीम की तरफ से अपने सदस्यों के लिए सप्रेम भेंट है। किसी भी सदस्य का अधिकार नहीं है। इसमें सहायता, टीम के पास उपलब्ध धन पर निर्भर करेगी।
इसके अतिरिक्त, समिति / कोर टीम अपने सभी सदस्यों को व्यवस्था शुल्क से प्राप्त धनराशि से निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करेगी।
1) आप की सुविधा के लिए ऑफिस संचालन में।
2) तकनीकी मदद के लिए जो आप को टेक्निकल सपोर्ट करेगा।
3) वेबसाइट के निर्माण व संचालन में।
4) ऐप बनवाने एवं संचालन में।
5) पब्लिक सेल्फ केयर टीम से ज्यादा से ज्यादा लोगों के जोड़ने के अभियान में।
6) स्थलीय निरीक्षण कराने में।
7) नयी तकनीक के इस्तेमाल में ताकि प्रक्रिया पारदर्शी एवं आसान रहे।
8) वैधानिक सदस्यों को अन्य सुविधाएं प्रदान करने में।
9) समिति से सम्बंधित अन्य खर्चों में
पब्लिक सेल्फ केयर टीम के किसी भी पदाधिकारी के साथ अभद्रता, धमकाने या डराने की कोशिश यदि किसी सदस्य या उसके सम्बंधित द्वारा की गयी या समिति / टीम के बारे में गलत प्रचार किया गया तो सदस्य की सदस्यता समाप्त कर दी जायेगी।
नियमावली व अनुशासन सर्वोपरि है। किसी भी निर्णय की स्थिति में वेबसाइट पर अपलोड नियमावली की प्रति ही मान्य होगी।
आप का अनुज
सत्य प्रकाश कुशवाहा
(संस्थापक एवं अध्यक्ष)
पब्लिक सेल्फ केयर समिति, उत्तर प्रदेश