हमारे जीवन में कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं, जो बिना किसी चेतावनी के आ जाती हैं। कोई दुर्घटना, अचानक हुई मृत्यु, या फिर कोई गंभीर बीमारी — ये परिस्थितियाँ न समय देखकर आती हैं, न तैयारी की मोहलत देती हैं। जब ऐसा कुछ होता है, तो सबसे बड़ा संकट सिर्फ भावनात्मक नहीं, आर्थिक भी होता है। बहुत बार लोग अकेले रह जाते हैं — न कोई मदद का तरीका, न कोई व्यवस्था।
इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक सोच जन्म लेती है — Public Self Care Team (PSCT)। यह कोई बीमा या लाभ की योजना नहीं है। यह एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था है, जो लोगों को जोड़ती है, और उन्हें एक-दूसरे की ज़िम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करती है। PSCT उन नागरिकों के लिए है जो चाहते हैं कि समाज सिर्फ देखने वाला न हो, साथ खड़ा होने वाला बने।
अब सवाल ये नहीं है कि आपको मदद चाहिए या नहीं — सवाल ये है कि जब ज़रूरत पड़े तो क्या कोई आपके साथ खड़ा होगा? PSCT से जुड़ना सिर्फ एक सदस्यता नहीं है, यह एक भरोसेमंद परिवार का हिस्सा बनना है। जब आप जुड़ते हैं, तो आप अकेले नहीं रहते — आपके पीछे एक पूरा समुदाय खड़ा होता है। आज अगर आप किसी के लिए सहारा बनेंगे, तो कल आपके लिए भी कई हाथ आगे बढ़ेंगे।
1. क्या हम अचानक आने वाली समस्याओं के लिए तैयार हैं?

ज़्यादातर परिवार तब चौंकते हैं, जब जीवन उन्हें बिना बताए चुनौती दे देता है। जैसे ही कोई हादसा होता है — चाहे वह किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हो, दुर्घटना हो या कोई गंभीर बीमारी — पूरा घर अचानक आर्थिक और मानसिक संकट में फंस जाता है।
हमारी सामाजिक संरचना में ऐसी आपदाओं के लिए पहले से कोई ठोस व्यवस्था बहुत कम देखने को मिलती है। यही वजह है कि PSCT जैसी व्यवस्थाओं की आवश्यकता बढ़ जाती है। यह संस्था पहले से जुड़े हुए लोगों के माध्यम से ऐसे समय में एक सुरक्षित सहयोग नेटवर्क तैयार करती है, जो ज़रूरत पड़ने पर तुरंत सक्रिय हो जाता है।
2. PSCT कैसे काम करता है और इसका सहयोग मॉडल क्या है?

PSCT की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह संस्था सीधे आर्थिक सहायता नहीं देती। जब संस्था को सूचना मिलती है कि किसी सदस्य को सहायता की ज़रूरत है, तो पहले निरिक्षण किया जाता है। तो उसके बाद एक alert जारी किया जाता है। इस alert में यह स्पष्ट रूप से बताया जाता है कि किस सदस्य को, क्यों और कितना सहयोग चाहिए।
Alert में उस जरूरतमंद सदस्य का बैंक खाता भी होता है। इसके बाद, सभी सदस्य उस खाते में बताए गए अनुसार सहयोग राशि सीधे ट्रांसफर करते हैं। यह सहयोग संस्था के पास नहीं आता, बल्कि सीधा उस व्यक्ति तक पहुंचता है जिसे वास्तव में मदद की ज़रूरत है।
अगर एक लाख लोग एक-एक रुपये भी सहयोग करें, तो एक लाख रुपये इकट्ठे हो सकते हैं। यही है इस संस्था का शक्ति-सूत्र — संख्या का सदुपयोग, व्यवस्था के साथ।
3. क्या समाज से जुड़ने का कोई ऐसा तरीका है, जो भरोसेमंद भी हो और ज़रूरी भी?

आज के समय में समाज से जुड़ने के बहुत से तरीके हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम ऐसे हैं जो ज़मीनी स्तर पर ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करते हैं। PSCT एक ऐसा मंच है जहाँ व्यक्ति न केवल ज़रूरत में सहायता प्राप्त करता है, बल्कि दूसरों की मदद करके एक सामाजिक कर्तव्य भी निभाता है।
यह जुड़ाव दिखावे के लिए नहीं होता। यहाँ हर सदस्य जानता है कि वह जिस व्यवस्था से जुड़ा है, वह किसी एक संस्था की नहीं, पूरे समाज की है। PSCT में कोई ऊँच-नीच नहीं, कोई पद-प्रतिष्ठा नहीं — सिर्फ एक उद्देश्य होता है: “सहयोग करना और समाज से जुड़ना।”
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4. PSCT से जुड़ना क्या वाकई इतना आसान है?

PSCT का हिस्सा बनना बेहद सरल प्रक्रिया है। किसी को लंबी फॉर्म भरने या कार्यालय के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं होती। केवल publicselfcareteam.com पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है।
एक बार रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाने के बाद, आप संस्था के आधिकारिक समूह से जुड़ जाते हैं, जहाँ सभी अपडेट, alerts और जानकारियाँ साझा की जाती हैं। इस जुड़ाव में न कोई बड़ा निवेश है, न कोई जटिलता — बस एक छोटा-सा कदम, जो एक बड़े उद्देश्य से जोड़ता है।
5. क्या PSCT की मदद से बेटी का विवाह आर्थिक बोझ नहीं बनता?

कई परिवारों में बेटी की शादी एक बड़ी चिंता होती है — खासकर तब जब परिवार आर्थिक रूप से कमज़ोर हो। PSCT ने इस चिंता को समझा और कन्यादान सहयोग योजना के माध्यम से एक ऐसा तरीका विकसित किया जहाँ इस जिम्मेदारी को पूरा समाज मिलकर निभाता है।
जब किसी सदस्य की अविवाहित पुत्री का विवाह तय होता है, संस्था एक alert जारी करती है। उसमें शादी की जानकारी और सहयोग की राशि दी जाती है। सभी सदस्य मिलकर उस पिता के साथ खड़े होते हैं — और यही वो पल होता है, जब PSCT सिर्फ एक संगठन नहीं, एक परिवार बन जाता है।
उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए
PSCT से जुड़िए, क्योंकि एकजुटता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
आकस्मिक मृत्यु पर सहयोग योजना
कन्यादान सहयोग योजना
दुर्घटना सहायता योजना
हेल्प लाइन नम्बर – 9044540057
निष्कर्ष
PSCT एक सामान्य संस्था नहीं है। यह एक सोच है — जो कहती है कि समाज तब मजबूत होता है, जब उसमें जुड़े लोग एक-दूसरे की जिम्मेदारी उठाना जानते हैं। यहाँ कोई अकेला नहीं होता। यहाँ मदद मांगनी नहीं पड़ती — मदद खुद चलकर आती है।
अगर आप चाहते हैं कि जब कभी ज़रूरत पड़े, तो आपके साथ भी कोई खड़ा हो — तो आज जुड़िए PSCT से।
publicselfcareteam.com पर जाएं, नियमावली पढ़ें और सदस्य बनें।
क्योंकि यही है समाज की असली ताकत — एक साथ, एक सोच, एक दिशा।